भाजपाकीओरसेप्रधानमंत्रीपदकेसशक्तउम्मीदवारऔरफिलहाल“राष्ट्रीयप्रचारप्रमुख” नेजिसअंदाज़मेंपहलेसंवादएजेंसी“रायटर”कोइंटरव्यूदिया, उसकेबादपुणेकेफर्ग्युसनकॉलेजमेंयुवाओंकोसंबोधितकियाउसनेमीडिया, काँग्रेस, सेकुलरोंऔरवामपंथियोंकेहोशउड़ाकररखदिए. बची-खुचीकसरहैदराबादकीप्रस्तावितरैलीमेंभाजपाकीस्थानीयइकाईद्वारामोदीकोसुननेकेलिएपाँचरूपएकाअंशदानलेनेकीघोषणानेपूरीकरदी. नरेन्द्रमोदीकेप्रत्येकभाषणऔरइंटरव्यूकोखुर्दबीनलेकरजाँचनेवाले“बुद्धिजीवियों” कीनिगाहकुछऐसामसालाखोजतीहीरहतीहै, जिसकेद्वाराउनकीरोजी-रोटीचलतीरहेऔरटीवीपर“भौं-भौं-थू-थू-तू-तू-मैं-मैं”केदौरानउनकामुखड़ादिखाईदेतारहे. उपरोक्ततीनोंनामोंकीसुपरहिटसाप्ताहिकफ़िल्मेंइन्हींबुद्धिजीवियोंकीदेनहै. (यहाँबुद्धिजीवियोंसेमेराआशय“बुद्धिकोगिरवीरखकर”अपनीरोटीकमानेवालोंसेहै).
बहरहाल, यहसिद्धहोताजारहाहैकिजोहुआअच्छाहीहुआ. क्योंकिनरेन्द्रमोदीकोघेरनेऔरउनकेकथनोंकोप्रताड़ितकरनेसेनरेन्द्रमोदीकीलोकप्रियताघटतीनहींहै, बल्किबढ़तीहै, उनकेभाषणोंकोलगातारघंटेभरबिनाब्रेककेदिखानेसेचैनलोंकीTRPभीबढ़तीहै...यानीसभीकेलिएयहफायदेकासौदाहोताहै. दिक्कतकाँग्रेसकोहोरहीहै, उसेसमझनहींआरहाहैकिनरेन्द्रमोदीकेइसआक्रामकप्रचारअभियानकाजवाबकैसेदियाजाए, नतीजेमेंकाँग्रेसकभीदिग्विजयसिंह (जिनकाप्रत्येकबयानसंघसमर्थकोंमेंबढ़ोतरीहीकरताहै), कभीमनीषतिवारी (जोचाटुकारिताकीसीमाओंकोपारकरतेहुएमोदीकीऔकातपाँचरूपएबताकरमोदीकोफायदापहुंचातेहैं), तोकभीशशिथरूर (जोखाकीपैंटकोइतालवीफासीवादतकलेजानेकीमूर्खताकरबैठतेहैं)... जैसेप्रवक्ताओंकोआगेकरतीजारहीहै. लेकिनइनलोगोंकीबयानबाजीसेनुकसानऔरभीबढ़ताजारहाहै, ध्रुवीकरणऔरतेजहोताजारहाहै. भलेहीनरेन्द्रमोदीनेकिसीसमुदायविशेषकोकुत्तेकापिल्लानहींकहाहो, लेकिनकाँग्रेस-पोषितमीडियाऔरकाँग्रेस-जनितबुद्धिजीवियोंनेमुसलमानोंकोकुत्तेकापिल्लासाबितकरनेमेंकोईकसरबाकीनहींरखी.
जैसाकिसबजानतेहैंनरेन्द्रमोदीकोईभीबातअथवाउदाहरणबगैरसोचे-समझेनहींदेते. ज़ाहिरहैकिनरेन्द्रमोदीअपनेविरोधियोंकोउकसानाचाहतेथे, औरवहकामयाबभीरहे. यूपी-बिहारकेमुस्लिमवोटोंकोलेकरआगामीकुछमहीनेमेंजैसाघमासानमचनेवालाहै, उसकेकारणहिन्दूवोटरअपने-आपध्रुवीकृतहोताचलाजाएगा. गततीनदशकगवाहहैंकियूपी-बिहारमें“जाति”कीहीराजनीतिचलतीहै, औरइसजातिगतराजनीतिकातोड़यातोविकासकीबातकरनाहै, अथवाहिन्दूवोटरोंजातितोड़करधर्मकेआधारपरएकत्रकरनाहै. नरेन्द्रमोदीदोनोंहीरणनीतियोंपरचलरहेहैं. जिनराज्योंमेंविकासकीबातचलेगीवहाँपरगुजरातकाविकासदिखायाजाएगा, मोदीकेभाषणोंमेंवर्तमानUPAसरकारद्वाराफैलाएजारहेनिराशाजनकवातावरणकेसाथयुवाओंकोलेकरबननेवालेचमकदारभविष्यकीबातकीजाएगी, औरजिनराज्योंमेंधर्म-जातिकीराजनीतिचलतीहोगी, वहाँअमितशाहकोप्रभारीबनाकरउन्हेंसांकेतिकरूपसेराममंदिरभीभेजाजाएगा.
मोदीकेइसरणनीतिकोलेकरकाँग्रेसइससमयगहरीदुविधामेंहै.काँग्रेसयहनिश्चितनहींकरपारहीहैकि१) क्यावहराहुलगाँधीकोस्पष्टरूपसेप्रधानमंत्रीपदकाउम्मीदवारघोषितकरेयानाकरे?? (ऐसाकरनेपरखतरायहहोगाकिलड़ाईमुद्दोंसेहटकरव्यक्तित्वोंपरफोकसहोजाएगी, शहरीमध्यमवर्गऔरयुवाओंकेगुस्सेकोदेखतेहुएकाँग्रेसयहनहींचाहती)... २) क्यानरेन्द्रमोदीका“हौआ” दिखाकरसर्वाधिकसीटोंवालेयूपी-बिहारकेमुसलमानोंकोअपनेपक्षमेंकियाजासकताहै?? (इसमेंखतरायहहैकिभाजपाकोछोड़करसभीपार्टियाँमुस्लिमवोटरूपीकेकमेंसेअपनाटुकड़ाझपटनेकीतैयारीमेंहैं, इसलिएनिश्चितनहींकहाजासकताकिमोदीकोहरानेकेनामपरक्यावाकईमुसलमानकाँग्रेसकोवोटदेंगे?)... औरकाँग्रेसकीदुविधाकातीसराबिंदुहै - क्याकाँग्रेसकोअपनेपुरानेफार्मूलेअर्थात“गरीबकोगरीबबनाएरखोऔरचुनावकेसमयउसकेसामनेरोटीकाएकटुकड़ाफेंककरउसकेवोटलेलो”कोहीआजमानाचाहिए? उल्लेखनीयहैकि२००९केचुनावोंमें“मनरेगा”एवंकिसानोंकीकर्जमाफीके72,000 करोड़रूपएनेहीकाँग्रेसकीनैयापारलगाईथी. यहीदाँवकाँग्रेसअबदोबाराखेलनाचाहतीहै“खाद्यसुरक्षाक़ानून”केनामपर. लेकिनइसमेंखतरायहहैकिखाद्यान्नकीबढ़तीकीमतोंऔरनितनएसर्विसटैक्सकीवजहसेशहरीमध्यमवर्गकाँग्रेससेऔरभीनाराज़होजाएगा, ऐसाभीहोसकताहैकिआगामीचुनावबुरीतरहत्रस्तनिम्न-मध्यमवर्गबनामबेहदगरीबवर्गकेबीचहोजाए. कुलमिलाकरकाँग्रेसखुदअपनेहीजालमेंउलझतीजारहीहै, जबकिउधरनरेन्द्रमोदीमैदानमेंउतरकरबैटिंगकीशुरुआतमेंही“तीनचौके”लगाचुकेहैं.
हालाँकि“सेकुलरिज्मकेअखाड़े”मेंउतरनेकेलिएनरेन्द्रमोदीभीअपनीकमरकसचुकेहैं. मोदीनेसंसदीयबोर्डकीबैठकमेंहीस्पष्टकरदियाहैकि“सेकुलरिज्म”केमुद्देपरकाँग्रेसकोसमुचितजवाबदियाजाएगा. जनताकोयहबतायाजाएगाकिपिछले६०सालमेंकाँग्रेसनेकिसतरहमुसलमानोंकाउपयोगकिया, किसतरहदंगोंकेसमयअधिकाँशराज्योंमेंकाँग्रेस (यागैर-भाजपाई) सरकारेंथीं, किसतरहकाँग्रेसनेविभिन्नप्रकारके“लालीपाप” दे-देकरमुसलमानोंकोबेवकूफबनाया. साथहीयहभीबतायाजाएगाकिगुजरातकेमुसलमानोंकीतुलनामेंपश्चिमबंगालऔरबिहारकेमुसलमानोंकीआर्थिकस्थितिकितनीनीचेहै. तात्पर्ययहहैकि“प्रचारप्रमुख”तोपूरेदमखमऔरफुल-फ़ार्ममेंगांधीनगरसेदिल्लीकीओरकूचकरचुकेहैं, जबकिकाँग्रेसCBIयाSITकेजरिएकिसी“अप्रत्याशितलाटरी”कीप्रत्याशामेंबैठीहै, औरउनके“युवराज”महीने-दोमहीनेमेंएकाधजगहपरअपनेदर्शनदेकरवापसअपनीमांदमेंघुसजातेहैं.
ऐसानहींहैकिभाजपायानरेन्द्रमोदीकेसामनेसबकुछअच्छा-अच्छा, गुलाबी-गुलाबीहीहै. नरेन्द्रमोदीकीराहमेंकईकिस्मकेरोड़ेभीहैं. संघकेहस्तक्षेपऔरबीचबचावकेबावजूदआडवाणीखेमापार्टीपरअपनीपकड़छोड़नेकोतैयारनहींहै. खुदआडवाणीभीअभीतकअनमनेढंगसेहीनरेन्द्रमोदीकेसाथहैं, उन्होंनेअभीतकएकबारभीनरेन्द्रमोदीकीप्रधानमंत्रीदावेदारीकेपक्षमेंखुलकरकुछनहींकहाहै. इसबीचमध्यप्रदेशमेंभाजपानेराघवजीकेरूपमें“आत्मघातीगोल”करलियाहै. भलेहीमप्रकाँग्रेसइसखुलासेकेलिएअपनीपीठठोंकतीरहे, लेकिनवास्तवमेंयहभाजपाकीअंदरूनीगुटबाजीऔरमहत्वाकांक्षाकाहीनतीजाथाकियहसीडीकांडहोगया. हालाँकिराघवजीकीइतनीराजनीतिकहैसियतकभीनहींरहीकिवेशिवराजयासुषमाकोचुनौतीदेसकें, परन्तुफिरभीपत्रकारजगतमेंदबेशब्दोंमेंइसकांडकोशिवराजबनाममोदीवर्चस्वसेजोड़नेकीकोशिशहोरहीहै. इसप्रकारकीगुटबाजीदेशकेलगभगप्रत्येकराज्यमेंहै. मोदीकीअसलीचुनौतीउत्तरप्रदेश-बिहारऔरमहाराष्ट्रमेंहोगी. जहाँउन्हेंदोविपरीतध्रुवोंकोएकसाथसाधनाहै. यदिनरेन्द्रमोदीमहाराष्ट्रमेंउद्धव-राजकोएकसाथलानेतथाकर्नाटकमेंयेद्दियुरप्पाकोससम्मानवापसलानेमेंकामयाबरहेतोरास्ताकाफीआसानहोजाएगा. हालाँकिराजठाकरेकोसाथलानेमेंएकपेंचयहहैकि“मनसे”केविरुद्धयूपी-बिहारमेंलगभगघृणाकामाहौलहै, इसलिएमहाराष्ट्रकी१५-२०सीटोंकेलिएखुलेतौरपरराजठाकरेकोसाथलेनेपरयूपी-बिहारकीकईसीटोंकोगँवानेऔरविरोधियोंकेदुष्प्रचारकासामनाभीकरनापड़सकताहै. केरलमेंनरेन्द्रमोदीपहलेहीपेजावरमठतथानारायणगुरुआश्रमजाकरनमनकरचुकेहैं, तमिलनाडुसेभीजयललिताकासाथमिलनेकाआश्वासनहै. आंध्रप्रदेशमेंतेलंगानाविवादनेकाँग्रेसशासितइससबसेसशक्तराज्यमेंउसकीहालतपतलीकररखीहै. ज़ाहिरहैकिनरेन्द्रमोदीकेनाम, उनकीभाषणशैली, काँग्रेसपरसीधाहमलाबोलनेकीअदाऔरगुजरातकीविकासवादीछविकेसहारेयदिमोदीअपनेदमपरयूपी-बिहार-झारखंडकीलगभग१३०सीटोंमेंसे६०सीटेंभीलेआतेहैं, तोकाँग्रेसकानाशतयहै. इसीलिएइनदोनोंराज्योंमेंआनेवालेमहीनोंमेंमुसलमानोंकेवोटोंऔरआरक्षणकेनामपरकोईनाकोईगडबड़ीहोनेकीआशंकाजताईजारहीहै. नरेन्द्रमोदीकेसमर्थकऔरसंघचाहेंगेकिपार्टीको२००से२२०सीटोंकेबीचप्राप्तहोजाएँ, उसकेबादतोराहअपने-आपआसानहोजाएगी... जबकिआडवाणीगुटचाहताहैकिभाजपाकिसीभीहालतमें१८०सीटोंसेआगेनानिकलसके, ताकिबादमें“सर्वसम्मति”और“काँग्रेसविरोधीगठबंधन”केनामपरममता-नीतीश-पटनायक-मायावतीइत्यादिकोसाधकरआडवाणीकेनामकोआगेबढ़ायाजासके.
अतःनरेन्द्रमोदीकेसामनेजहाँएकतरफकाँग्रेस-सेकुलर-वामपंथ-सीबीआई-NGO-मीडियाजैसेमजबूत“गठबंधन”सेनिपटनेकीचुनौतीहै, वहींदूसरीतरफभाजपाकेस्थानीयक्षत्रपोंकीआपसीसिर-फुटव्वलतथाआडवाणीगुटके“बेमन”सेकिएजारहेसहयोगसेभीनिपटनाहै. हालाँकिकाँग्रेसकेविरोधतथानरेन्द्रमोदीकेपक्षमेंलगभगप्रत्येकराज्यमेंएक“अंडर-करंट”बहरहाहै, भलेहीकाँग्रेसयामीडियाइसेनस्वीकारकरेपरन्तुजिसतरहसेमोदीकेप्रत्यकेशब्दऔरप्रत्येकहरकतपरउनकेविरोधियोंद्वारातीखीप्रतिक्रियादीजातीहै, उससेसाफ़हैकिवेभीइस“अंडर-करंट”कोमहसूसकरचुकेहैं.स्वाभाविकहैकिअगलेछः-आठमाहदेशकीराजनीतिऔरभविष्यकेलिएबहुतमहत्त्वपूर्णहैं.